गुरुवार, 22 जनवरी 2015

उफ्फ.....यह लड़की कितनी बड़ी हो गयी ??

अब और कितना पढ़ोगी ??
तुम तो बड़ी होशियार हो अब तक तो तुम्हें जॉब मिल जानी चाहिए थी
तुम इतना ज्यादा पढ़कर क्या बनोगी ??
तुमने बहार रहकर इतनी पढ़ाई की हैं
अटलीस्ट सेकंड ग्रेड के लेवल की जॉब तो तुम्हें फर्स्ट चांस में मिल ही जानी चाहिए
और ना मिले तो अब पढाई छोड़ क्यों नहीं देती ??
शादी करके अपना घर क्यों नहीं सम्भाल लेती ??
बहार कैसे रहती हो ??
किसके साथ रहती हो ??
किस-किससे मिलती हो ??
उफ्फ मेरे ख्याल से ऐसे सारे ऊल-फिज़ूल से सवाल मेरे जैसी युवा होती हर 21-22 साल की सारिका से किये जाते होंगे ???
कुछ लड़कियाँ अगर थोड़ा आग़े बढ़ना चाहे तो वो कोई गुनाह थोड़े ही कर रही हैं
जो कि समाज के लोग उसे हर पल शक की नजर से ही देखें ??
वैसे भी आँकड़ें बताते हैं कि 10th व 12th में गर्ल्स के टोपर रहने के बाद भी कॉलेज में उनकी संख्या कम हो ही जाती हैं :-(
क्यों सोचते हो कि महज शादी भर कर देने से, सिन्धुर भर लेने तक ही लड़की की जिम्मेदारी हैं
पढ़ने दो ना, आग़े बढ़ने दो ना
लड़की को आगे बढ़कर रिश्ते बनाने दो ना, क्यों महज उसे किसी बंधन में बांधकर
अपने कर्तव्यों से मुक्तभर हो जाना चाहते हो ??
लड़कियाँ भी इंसान हैं उड़ने दो ना उन्हें भी
बाहें फ़ैलाने दो ना, खुलकर सांसें लेने दो ना
हम 21st सदी की युवा पीढ़ी हैं
महज किसी के अपनी अँगुलियों के पैरवों पर उम्र का जोड़-घटाव करते रहने से,
महज मुहँ से ओफ्फो निकालकर कहने से ओहो तुम कितनी बड़ी हो गयी
से डर हारकर शादी नहीं करने वाले
हम किसी पर बोझ नहीं बल्कि अपनों का सहारा बनने का माद्दा रखते हैं
हर युवा लड़की के अपने खुद के गम हैं पर
अब इन ग़मों से कहीं परे जाकर वो भी सोचती हैं अपने सपनों की उड़ान के बारे में
और बेशक देर-सवेरे उसके हौसलों की उड़ान उसे मिल ही जाती हैं
अगर आप नेक इरादों से आगे बढ़ना चाहो तो
आपको इस दुनिया की कोई ताकत पीछे नहीं खिंच सकती
सफलता अवश्य मिलती हैं :-)
फीलिंग so thoughtful......yupppppp....:-)

3 टिप्‍पणियां:

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सार्थक रचना...... बेहद उम्दा और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो
मुकेश की याद में@चन्दन-सा बदन

Unknown ने कहा…

Nyc

Shubham rai ने कहा…

बेहतरीन लेख